बाजार की सबसे बड़ी ताकत भी हिन्दी के अखबार
मनोज कुमार: साभार : भड़ास4मीडिया
हिंदी भाषा और हिंदी अखबार : कोई कहे कि हिन्दी अखबार हिन्दी से दूर हो रहे हैं तो आप चौंकेंगे। मैं भी चौंका था जब एक दर्जन समाचार पत्रों का छह महीने तक अध्ययन करता रहा। हिन्दी अखबारों द्वारा हिन्दी का मटियामेट इन छह महीनों में नहीं हुआ बल्कि इसकी शुरुआत तो डेढ़ दशक पहले शुरू हो गयी थी।
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