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चाशनी में लपेटकर मुखर्जी ने पारित कराया वित्त विधेयक

 जबतक चाय न मिले वो चारा नहीं खाती
भारत और पाकिस्तान के बीच समग्र वार्ता फिर शुरू होने पर सहमति बनने की खबर आज के तमाम अखबारों में है। बकौल पंजाब केसरी- थिंपू की ठण्ड में पिघल गई गरमा गरम बयानों की बर्फ। दैनिक भास्कर लिखता है- आया मौसम दोस्ती का, थिंपू में थमा भारत-पाक तनाव।
  पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के मामले में गिरफ्तार विदेश मंत्रालय की अधिकारी माधुरी गुप्ता से जुड़े समाचार भी आज अलग-अलग सुर्खियों में है।
  सरकार द्वारा कल कर रियायतों का पिटारा खोलते हुए कई सेक्टरों पर नजरें इनायत को बिजनेस भास्कर ने अपनी पहली खबर बनाते हुए सुर्खी दी है- रियल्टी सेक्टर को  कर रियायत का तोहफा। बकौल अमर उजाला, रियल इस्टेट पर दादा ने दिखाई दरियादिली। इकॉनामिक्स टाइम्स के अनुसार चाशनी में लपेटकर मुखर्जी ने पारित कराया वित्त विधेयक, हाउसिंग सेक्टर, अस्पतालों, विमान यात्रा और कैंसर की दवाओं पर रियायत देने की  घोषणा।
  झारखंड में दो दिन से भाजपा-झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन पर छाये अनिस्चितता के बादल लगभग छंट जाने को राष्ट्रीय सहारा ने शीर्षक दिया है- झारखंड मुक्ति मोर्चा का भाजपा से नया फार्मूला तय, सीएम तुम्हारा डिप्टी सीएम हमारा। देशबन्धु लिखता है- भाजपा पहनेगी शिबू का ताज।
  रूक गई मैट्रो थम गई सांसे, द्वारका-नोएडा रूट पर घंटों थमी रही मैट्रो, बेहाल हुए यात्री यह समाचार हमारा महानगर के पहले पन्ने पर है।
  कोबाल्ट-६० मामले में परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय के रसायन विभाग पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी और विश्वविद्यालय द्वारा जांच कमेटी बनाए जाने को नई दुनिया ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है। इसी खबर को हिन्दुस्तान ने सुर्खी दी है- रेडिएशन के जिम्मेदार दंडित होंगे। बकौल नवभारत टाइम्स- डीयू में दफन है यूरेनियम।
  कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी के अचानक हरियाणा में हिसार जिले के मिर्चपुर गांव के पीड़ितों से मिलने पहुंचने की खबर दैनिक ट्रिब्यून और हरिभूमि के पहले पृष्ठ पर है।
  आज वेस्टइंडीज के प्रोविडेंस स्टेडियम में तीसरे ट्‌वेन्टी-२० विश्व कप के आगाज की खबर को भी कई अखबारों ने जगह दी है।
   और अब नई दुनिया के बहुरंग पृष्ठ पर छपी यह मजेदार खबर- मध्यप्रदेश के सतना में एक गाय को चाय की इस कदर आदत है कि सुबह जबतक चाय न मिले वो चारा नहीं खाती। लच्छी नाम की इस गाय को पंखे की हवा में सोने की भी आदत है जिसके लिए पंखे का इंतजाम भी किया गया है। वहां के बाशिंदे  सुबह बड़ी तादाद में उसे चाय पीते हुए देखने के लिए जमा हो जाते हैं।

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