पंद्रहवी लोकसभा चुनावों मे देश मे भर मे हो रहे कम मतदान पर प्राय: सभी राजनैतिक दल चिंता जता रहे हैं। वैसे लोकतंत्र की सेहत के लिए भी ज्यादा से ज्यादा मतदान होना अच्छा साबित होगा। लेकिन अच्छा होता अगर कम मतदान पर चिंता व्यक्त करने वाले मतदान प्रतिशत बढ़ाने के संबंध मे कुछ रचनात्मक व व्यवहारिक सुझाव देते। लोगों से चर्चा के दौरान एक सुझाव यह भी सामने आया है कि सरकार कोई ऐसी व्यवस्था करे कि मतदाता मत डालने के लिए उतावला हो जाए। तब की सदी, गर्मी व बारिश जैसी मौसमी की ज्यादतियां भी उसके मतदान करने मे बाधा न बन सके। कहा जा रहा है कि सरकार राजनैतिक दलों द्वारा प्रचार प्रसार मे खर्च किया जा रहे अरबों की राशि का कुछ हिस्सा लेकर एक निधि बनाए और इस निधि से हर मतदान करने वाले को पांच सौ रूपए भुगतान करे।
लोगों का कहना है कि मतदान से आर्थिक लाभ जुड़ जाने से लोग पूरी तत्परता से मतदान करने मे रूचि लेगें। न ही वो अपने नाम का मत किसी को और को डालने देगें। खुद ही अपनी जिम्मेदारी से मतदाता सूची मे अपना नाम जुड़वाएंगें, मतदाता कार्ड के लिए फोटो खिंचवा लेगें और कोई कार्ड बांटने नहीं आएगा तो खुद ही निवार्चन कार्यालय जाकर कार्ड ले आएंगें। इतना ही नहीं वह अपने पड़ौसी, रिश्तेदारों व ईष्ट मित्रों को भी वोट डालने के लिए प्रेरित करने से नहीं चुकेगा।
इस व्यवस्था से जो जागरूक मतदाता सामने आएगा उससे देश मे वर्तमान में 80 से 90 फीसदी मतदान का काल्पनिक सा आंकड़ा भी पाना मुश्किल नहीं रहेगा। तब राजनैतिक दल मतदान से दूर रहने वाले मतदाताओं के नाम पर कथित फर्जी वोट डाल पाना भी मुश्किल लगने लगेगा।
इस व्यवस्था से जो जागरूक मतदाता सामने आएगा उससे देश मे वर्तमान में 80 से 90 फीसदी मतदान का काल्पनिक सा आंकड़ा भी पाना मुश्किल नहीं रहेगा। तब राजनैतिक दल मतदान से दूर रहने वाले मतदाताओं के नाम पर कथित फर्जी वोट डाल पाना भी मुश्किल लगने लगेगा।
1 comments:
Dr.Ritu Malhotra,Kandawali, Mumbai
Your Suggestion is very Good.This would definitely lead nation towards the ideal goal of 100 percent voting.
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