त्रासदी पर रोटियां नहीं सेंकनी चाहिए
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कोसी आपदा के समय गुजरात सरकार से मिली मदद लौटाया जाना लगभग सभी हिंदी अख़बारों की पहली सुर्खी है। बकौल पंजाब केसरी-विज्ञापन विवाद का करारा जवाब। नई दुनिया ने लिखा है-और चौड़ी हुई खाई। संडे टाइम्स में सवालिया निशान में
है-क्या यह अंतिम अलगाव का संकेत है। नवभारत टाइम्स की सुर्खी है-बीजेपी का पारा चढ़ा, विरोधियों ने घेरा और कसा। जनसत्ता में भाजपा का बयान है-नीतीश मदद न लौटाते तो बेहतर था।हिंदुस्तान के मुखपृष्ठ पर है-भोपाल मामले में सुप्रीम कोर्ट जा सकता है केंद्र। बॉक्स में है-आत्मकथा में राज+ खोलेंगे अर्जुन सिंह। हरिभूमि की सुर्खी है-अर्जुन सिंह ने चुप्पी तोड़ी, कहा-एंडरसन को भगाने का दोषी नहीं। दैनिक ट्रिब्यून का पूरा रविवारीय पृष्ठ इस घटना के विभिन्न संदर्भों पर है। साथ ही बड़ी सुर्खी है-भोपाल गैस त्रासदी, सवाल दर सवाल जिनके जवाब चाहिए। राजस्थान पत्रिका में है-इंसाफ के नाम पर सियासत। हिंदुस्तान के मंथन पन्ने पर है-त्रासदी पर रोटियां नहीं सेंकनी चाहिए।
करोड़ों रुपये के रेलवे भर्ती घोटाले के भंडाफोड़ के बाद रेलवे भर्ती बोर्ड का २७ जून को होने वाली परीक्षा रद्द करने का फैसला, जनसत्ता, राष्ट्रीय सहारा, देशबंधु और राजस्थान पत्रिका के मुखपृष्ठ पर है।
विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए संयुक्त डिग्री शुरू करने के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रस्ताव पर हिंदुस्तान की पहली सुर्खी है-डॉक्टर पढ़ेंगे कानून, हर विधा में माहिर होंगे भविष्य के प्रोफेशनल। शिक्षा में बड़े बदलावों को केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की मंजूरी दैनिक जागरण के मुखपृष्ठ पर है।
आईआईटी कानपुर की मलेशिया और अमरीका में वैश्विक विश्वविद्यालय और अनुसंधान केंद्रों की स्थापना की योजना पर राजस्थान पत्रिका की सुर्खी है-कोई सरहद न इन्हें रोके।
यूलिप इंश्योरेंस पर सेबी और इरडा के बीच विवाद के बाद सरकार के इरडा का साथ देने पर द इकोनोमिक टाइम्स की पहली खबर है-इरडा ने यूलिप लड़ाई जीती।
डायरेक्ट टैक्स कोड पर हिंदुस्तान में व्यापक विश्लेषण है-नये प्रस्ताव कितने भले, कितने बुरे।
फॅादर्स डे पर आज सभी अखबारों में कुछ न कुछ विशेष है। सरहदों से परे पिता और पुत्री के मार्मिक प्रेम पर गुरुदेव रविन्द्रनाथ ठाकुर की लोकप्रिय कहानी ÷काबुलीवाला' हिंदुस्तान में प्रकाशित है।
जाने-माने कवि केदारनाथ अग्रवाल की पुण्यतिथि के संदर्भ में जनसत्ता के रविवारीय पृष्ठ पर पूरे पन्ने का आलेख है-देसी ठाठ का कवि।
एशिया कप क्रिकेट के रोमांचक मुकाबले में पाकिस्तान पर भारत की शानदार जीत देशबंधु के पहले पन्ने के बॉटम स्प्रेड पर सचित्र है। नवभारत टाइम्स के मुखपृष्ठ पर सबसे ऊपर है-फुटबाल पर भारी पड़ी क्रिकेट का रोमांच।
1 comments:
" bahut hi sundar prastuti ke saath sahi kaha aapne ki nitish madad na lautate to accha hota "
plz read this
"इसकी आँखों पर से पट्टी उतारनी है ..कोशिश तो करो |"
http://eksacchai.blogspot.com/2010/06/blog-post.html
---- eksacchai{ AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
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