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सहारा पीछे, साधना आगे

sabhaar :  भड़ास4मीडिया
डिस्ट्रीब्यूशन कमजोर होने के कारण बाजी साधना के हाथ लगी
तेइसवें हफ्ते की टीआरपी में साधना न्यूज मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ ने अपने प्रतिद्वंदियों को पछाड़ दिया है। इस हफ्ते में भोपाल गैस कांड का फैसला आया था। इस बड़े फैसले को प्रत्येक चैनल अपने-अपने हिसाब से दिखाकर-परोसकर टीआरपी बढ़ाने में जुटे रहे।
खासकर मध्य प्रदेश के तीनों प्रमुख रीजनल चैनलों सहारा समय, ईटीवी और साधना के लिए तो यह कई दिनों तक सबसे बड़ी खबर थी। सहारा समय ने गैस कांड की खबरों को लेकर शानदार प्लानिंग की और गैस कांड से जुड़ी खबरों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ दिखाया। चैनल के हेड मनोज मनु ने भोपाल में डेरा डाल दिया था। परंतु डिस्ट्रीब्यूशन कमजोर होने के कारण बाजी साधना के हाथ लगी।

साधना के लोगों का कहना है कि टीआरपी में नंबर वन बनने का कारण साधना की बदली हुई रणनीति थी। साधना ने गैस कांड की खबरों को प्राथमिकता देने के साथ ही उसने प्रदेश भर के अपने दर्शकों से जुड़ी अन्य खबरों को दरकिनार नहीं किया। इस हफ्ते की टीआरपी आई तो साधना टाप पर था और प्रतिद्वंदी चारों खाने चित।

इस हफ्ते साधना मप्र-छग की जीआरपी ११.४९, सहारा समय मप्र छग की ७.६७ और ईटीवी मप्र छग की ५.७१ रही। साधना ने २०.६९ प्रतिशत रीच के साध ४५.२ प्रतिशत दर्शक बटोरे, सहारा समय की रीच २२.२३ प्रतिशत और शेयर ३०.१ तथा ईटीवी की रीच १७.१७ प्रतिशत और शेयर २३.३ प्रतिशत रहा।

साधना सभी सेगमेंट में अपने प्रतिद्वंदियों से आगे रहा। यह स्थिति तब है जब इस समय साधना की ओबी वैन भोपाल में नहीं है। वहीं सहारा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कंटेंट प्लानिंग में अव्वल तो सहारा ही रहा लेकिन खराब डिस्ट्रीब्यूशन के कारण अच्छा रिजल्ट नहीं आया।

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