धान की खेती को प्रोत्साहन दिये जाने की पहल की सराहना की
Bhopal:Wednesday, October 12, 2011
विश्व बैंक दल ने डी.पी.आई.पी. परियोजना द्वारा नवाचार के अंतर्गत ड्रिप सिंचाई पद्धति एवं एस.आर.आई. पद्धति से धान की खेती को प्रोत्साहन दिये जाने की पहल की सराहना की है। उल्लेखनीय है कि पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में 5 जिलों- नरसिंहपुर, रीवा, दमोह, सीधी तथा पन्ना में एस.आर.आई. पद्धति से 138 गाँवों के 1 हजार 427 किसानों के साथ लगभग 778 एकड़ कृषि क्षेत्र मंे इस बार धान की खेती ली गई है। इससे धान के उत्पादन में बढ़ोत्तरी की संभावना है।
इसी क्रम में रीवा और सीधी जिलों में ड्रिप सिंचाई पद्धति को प्रोत्साहन देकर इस पद्धति का इस्तेमाल शुरू किया गया है। विशेषकर सब्जी उत्पादकों के लिए कम पानी में सिंचाई की यह पद्धति बेहतर साबित हो रही है।विश्व बैंक दल ने डी.पी.आई.पी. परियोजना द्वारा नवाचार के अंतर्गत ड्रिप सिंचाई पद्धति एवं एस.आर.आई. पद्धति से धान की खेती को प्रोत्साहन दिये जाने की पहल की सराहना की है। उल्लेखनीय है कि पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में 5 जिलों- नरसिंहपुर, रीवा, दमोह, सीधी तथा पन्ना में एस.आर.आई. पद्धति से 138 गाँवों के 1 हजार 427 किसानों के साथ लगभग 778 एकड़ कृषि क्षेत्र मंे इस बार धान की खेती ली गई है। इससे धान के उत्पादन में बढ़ोत्तरी की संभावना है।
18 वीं उत्पादक कम्पनी
डी.पी.आई.पी. द्वारा प्रवर्तित 18 वीं प्रोड्यूसर कम्पनी ने शिवपुरी जिले में अपना कार्य प्रारम्भ कर दिया है। शिवपुरी जिले के भौंती में हरदौल दुग्ध उत्पादन कम्पनी की शुरूआत की गई है। भौंती सहयोग दल के 15 गाँवों को दुग्ध उत्पादन कम्पनी के कार्य क्षेत्र में शामिल किया गया है। नवगठित दुग्ध उत्पादक कम्पनी में 10 प्रमोटर डायरेक्टर हैं। जिन्होंने आम सभा की बैठक कर श्रीमती फूलवती यादव को अध्यक्ष और 5 डायरेक्टर का चुनाव आम सहमति के आधार पर किया है। स्वर्ण जयंती ग्राम स्व-रोजगार योजना मद से कम्पनी के लिए शीत केन्द्र की स्थापना एवं दुग्ध शीतलीकरण हेतु उपकरण एस.जी.एस.वाय. अधो-संरचना मद से लिये गये हैं।
इसी प्रकार सोयप्सी कार्यक्रम के तहत जिम्मेदार सोया उत्पादन कार्यक्रम डी.पी.आई.पी. द्वारा प्रवर्तित 9 प्रोड्यूसर कम्पनियों के कार्यक्षेत्र के जिलों में संचालित किया जा रहा है।
सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शिवपुरी और राजगढ़ जिलों में तथा धुआं रहित चूल्हों के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में सभी जिलों में प्रयास किये जा रहे हैं।
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