Bhopal:Wednesday, October 12, 2011
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में प्रस्तुत किए जाने वाले दृष्टि पत्र की आज मंत्रालय में समीक्षा की। समीक्षा के दौरान बताया गया कि ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 10 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई है, जो राष्ट्रीय वृद्धि दर से अधिक है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में प्रस्तुत किए जाने वाले दृष्टि पत्र की आज मंत्रालय में समीक्षा की। समीक्षा के दौरान बताया गया कि ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 10 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई है, जो राष्ट्रीय वृद्धि दर से अधिक है।
प्रदेश में कृषि क्षेत्र में 5 प्रतिशत के विरूद्ध 9.38 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 10 प्रतिशत के विरूद्ध 11.25 प्रतिशत तथा सेवा क्षेत्र में 8 प्रतिशत के विरूद्ध लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।कृषि क्षेत्र में लक्ष्य से अधिक की वृद्धि दर।
कृषि में राष्ट्रीय दर से चौगुनी वृद्धि दर।
राष्ट्रीय औसत से अधिक रही वृद्धि दर।
11वीं से 12वीं पंचवर्षीय में आउटले तीन गुना।
राष्ट्रीय औसत से अधिक रही वृद्धि दर।
11वीं से 12वीं पंचवर्षीय में आउटले तीन गुना।
इस अवसर पर वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री राघवजी, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री बाबूलाल जैन, अपर मुख्य सचिव श्री ओ.पी. रावत, विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव एवं सचिव उपस्थित थे। बैठक में प्रमुख सचिव, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी श्री के. सुरेश द्वारा दृष्टि पत्र का प्रस्तुतिकरण किया गया।
बैठक में बताया गया कि बारहवीं पंचवर्षीय योजना हेतु 11.5 प्रतिशत की विकास दर प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत लगभग 2 प्रतिशत की तुलना में बहुत अधिक 9.38 प्रतिशत रही है। बारहवीं पंचवर्षीय योजना अवधि में यह दर 10 प्रतिशत रखी गई है।
राज्य योजना आयोग द्वारा किये गये आंकलन में जहां प्रदेश द्वारा 11वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में प्राप्त की गई विकास दर को सराहा गया है, वहीं 12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में 11.50 प्रतिशत की वृद्धि प्राप्त करने की संभावना व्यक्त की गई है।
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के कुल आउटले 70 हजार 239 करोड़ रूपये के लक्ष्य के विरूद्ध 86 हजार 187 करोड़ रूपये व्यय की उपलब्धि हासिल की गई है। बारहवीं पंचवर्षीय योजना में प्रदेश के विकास हेतु कुल 2,10,000 करोड़ रूपये के आउटले का प्रावधान प्रस्तावित है, जो ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना की तुलना में लगभग तीन गुना है।
समीक्षा के दौरान बारहवीं पंचवर्षीय के लक्ष्य, वित्तीय मुद्दे, सामाजिक असमानताएं, क्षेत्रीय असंतुलन एवं गरीबी उन्मूलन पर विस्तृत चर्चा की गई। कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण उपलब्धियों के साथ-साथ अधोसंरचना जैसे सिंचाई, ऊर्जा को प्राथमिकता देने, सामाजिक क्षेत्र जैसे स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा के क्षेत्र में अगली पंचवर्षीय योजना में लिये जाने वाले प्रस्तावों पर चर्चा केन्द्रित रही। राज्य के औद्योगिक विकास हेतु किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा करते हुए केन्द्र द्वारा अपेक्षित सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया गया।
बैठक में बताया गया कि बारहवीं पंचवर्षीय योजना हेतु 11.5 प्रतिशत की विकास दर प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत लगभग 2 प्रतिशत की तुलना में बहुत अधिक 9.38 प्रतिशत रही है। बारहवीं पंचवर्षीय योजना अवधि में यह दर 10 प्रतिशत रखी गई है।
राज्य योजना आयोग द्वारा किये गये आंकलन में जहां प्रदेश द्वारा 11वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में प्राप्त की गई विकास दर को सराहा गया है, वहीं 12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में 11.50 प्रतिशत की वृद्धि प्राप्त करने की संभावना व्यक्त की गई है।
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के कुल आउटले 70 हजार 239 करोड़ रूपये के लक्ष्य के विरूद्ध 86 हजार 187 करोड़ रूपये व्यय की उपलब्धि हासिल की गई है। बारहवीं पंचवर्षीय योजना में प्रदेश के विकास हेतु कुल 2,10,000 करोड़ रूपये के आउटले का प्रावधान प्रस्तावित है, जो ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना की तुलना में लगभग तीन गुना है।
समीक्षा के दौरान बारहवीं पंचवर्षीय के लक्ष्य, वित्तीय मुद्दे, सामाजिक असमानताएं, क्षेत्रीय असंतुलन एवं गरीबी उन्मूलन पर विस्तृत चर्चा की गई। कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण उपलब्धियों के साथ-साथ अधोसंरचना जैसे सिंचाई, ऊर्जा को प्राथमिकता देने, सामाजिक क्षेत्र जैसे स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा के क्षेत्र में अगली पंचवर्षीय योजना में लिये जाने वाले प्रस्तावों पर चर्चा केन्द्रित रही। राज्य के औद्योगिक विकास हेतु किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा करते हुए केन्द्र द्वारा अपेक्षित सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया गया।
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