खत्म हो चुका है समझौता एमपीएसआरटीसी से
आगरा बिना समझौते दौड़ रहीं मध्य प्रदेश रोडवेज की बसें यूपी परिवहन निगम को लाखों का चूना लगा रही हैं। क्षेत्रीय परिवहन विभाग के अधिकारी भी उनको रोकने में खुद को असहाय पा रहे हैं।
दरअसल यूपी स्टेट रोडवेज ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन और एमपीएसआरटीसी के बीच कई साल पहले समझौता हुआ था, जिसके तहत एमपी की 26 बसों को यहां के लिए परमिट दिया गया था। क्षेत्रीय परिवहन विभाग के मुताबिक वर्ष 2008 में एमपीएसआरटीसी को समाप्त कर दिया गया, जिसके बाद मध्य प्रदेश रोडवेज ने इन बसों को अधिकृत कर लिया।
इसके बाद बसों के मालिक अस्थायी परमिट लेकर उसे यूपी की सड़कों पर दौड़ाने लगे लेकिन समझौता समाप्त हो जाने के कारण यह आईएसबीटी या ईदगाह बस स्टैंड पर नहीं खड़ी होती। विभाग के मुताबिक यह बसें बिजलीघर, वाटरवर्क्स चौराहे के आसपास से सवारियों उठाती हैं।
वह इन 26 बसों को अपने यहां चलने भी दें लेकिन उनकी आड़ में कई अन्य बसें भी अवैध रूप से सड़कों पर आ गई हैं जिसके चलते यह संख्या बढ़कर तीन दर्जन से अधिक हो गई है। उनके संचालन को रोकने में असमर्थ विभाग ने मध्य प्रदेश रोडवेज से पुराने समझौते के तहत चलने वाली गाडि़यों की सूची मांगी।
क्षेत्रीय प्रबंधक नीरज सक्सेना के अनुसार एमपी रोडवेज ने 24 दिसंबर 2009 को 26 बसों की सूची उपलब्ध कराकर इनके अतिरिक्त अन्य को अवैध बताया। क्षेत्रीय प्रबंधक के अनुसार उनका समझौता एमपीएसआरटीसी से था जो खत्म हो चुका है।
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