राज्यपाल रामनरेश यादव द्वारा गाँधी शिल्प बाजार का शुभारम्भ
Bhopal:Sunday, October 16, 2011
राज्यपाल रामनरेश यादव ने आज यहाँ ओल्ड कैम्पियन ग्राउण्ड पर अम्बिका शिक्षा समाज कल्याण समिति, भोपाल द्वारा भारत की चुनिंदा हस्तशिल्प वस्तुओं के संग्रह-‘गाँधी शिल्प बाजार’ का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश के पारम्परिक बुनकरों, शिल्पियों व कारीगरों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए बाजार प्रबंधन का आधुनिक प्रशिक्षण देना आवश्यक है।
राज्यपाल रामनरेश यादव ने आज यहाँ ओल्ड कैम्पियन ग्राउण्ड पर अम्बिका शिक्षा समाज कल्याण समिति, भोपाल द्वारा भारत की चुनिंदा हस्तशिल्प वस्तुओं के संग्रह-‘गाँधी शिल्प बाजार’ का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश के पारम्परिक बुनकरों, शिल्पियों व कारीगरों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए बाजार प्रबंधन का आधुनिक प्रशिक्षण देना आवश्यक है।
पूर्व में राज्यपाल श्री यादव ने पारम्परिक रूप से दीप जलाकर और फीता काटकर शिल्प बाजार का शुभारम्भ किया। उन्होंने बाजार के प्रत्येक स्टॉल पर जाकर दुकानदारों से बातचीत भी की।
बेटी बचाओ आन्दोलन और बुनकर
कहते हैं कि जब कोई सच्चे दिल से कोई पुकार उठती है तो उस आवाज को कोई भी अनसुना नहीं कर सकता। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा प्रदेश में पाँच अक्टूबर से शुरू किये गये बेटी बचाओ अभियान से गाँधी शिल्प बाजार में देश के कोने-कोने से आये बुनकर और शिल्पी भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। उन्होंने भी मानवता के इस महायज्ञ में अपनी छोटी सी आहूति देते हुए यह घोषणा की है कि शिल्प बाजार के प्रत्येक स्टॉल द्वारा खरीददारी करने आने वाली प्रत्येक बालिका-महिला को दस से बीस प्रतिशत की विशेष छूट दी जायेगी।
शुभारम्भ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल श्री रामनरेश यादव ने कहा कि इस मेले के साथ गाँधी जी का नाम जुड़ा हुआ है। गाँधी जी जीवन भर स्वदेशी के पक्षधर रहे और उन्होंने स्वावलम्बन के लिए सदैव कुटीर उद्योगों को विकसित करने पर जोर दिया था।
बेटी बचाओ आन्दोलन और बुनकर
कहते हैं कि जब कोई सच्चे दिल से कोई पुकार उठती है तो उस आवाज को कोई भी अनसुना नहीं कर सकता। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा प्रदेश में पाँच अक्टूबर से शुरू किये गये बेटी बचाओ अभियान से गाँधी शिल्प बाजार में देश के कोने-कोने से आये बुनकर और शिल्पी भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। उन्होंने भी मानवता के इस महायज्ञ में अपनी छोटी सी आहूति देते हुए यह घोषणा की है कि शिल्प बाजार के प्रत्येक स्टॉल द्वारा खरीददारी करने आने वाली प्रत्येक बालिका-महिला को दस से बीस प्रतिशत की विशेष छूट दी जायेगी।
शुभारम्भ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल श्री रामनरेश यादव ने कहा कि इस मेले के साथ गाँधी जी का नाम जुड़ा हुआ है। गाँधी जी जीवन भर स्वदेशी के पक्षधर रहे और उन्होंने स्वावलम्बन के लिए सदैव कुटीर उद्योगों को विकसित करने पर जोर दिया था।
यह मेला भी गाँधी जी की भावनाओं के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि हमारी पारम्परिक कला शैलियों को लुप्त होने से बचान के लिए कामगारों को संगठित करना होगा। उन्हें सस्ती दरों पर कच्चा माला उपलब्ध कराना होगा और उत्पादित वस्तुओं का वाजिब दाम दिलाना सुनिश्चित करना होगा अन्यथा ये कारीगर अपने पारम्परिक काम धंधे छोड़कर ज्यादा आमदनी के लिए दूसरे व्यवसाय अपना लेगें ।
राज्यपाल श्री यादव ने लोगों से अपनी क्षमता के अनुरूप अधिक से अधिक वस्तुएं खरीदकर इन बुनकर और शिल्पियों को प्रोत्साहित करने की अपील की। कार्यक्रम में राज्यपाल श्री यादव का शाल-श्रीफल भेटकर अभिनन्दन किया गया।
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