डेटलाइन इंडिया न्यूज एजेंसी का काम जारी रखे हुए हैं
साभार यशवंत भड़ास4मीडिया
प्रख्यात पत्रकार आलोक तोमर इन दिनों कैंसर से लड़ रहे हैं. भ्रष्ट व्यवस्था, भ्रष्ट नेताओं, भ्रष्ट मीडिया दिग्गजों की पोल खोलने वाला यह शख्स, अपनी लेखनी से मानवीय त्रासदियों का खुलासा कर सत्ता-संस्थानों को हिलाने वाला यह आदमी, आजकल अपने मुश्किल दिनों में गुजर रहा है. मानसिक और शारीरिक कष्टों को झेल रहा है. पर हौसला देखिए. कैंसर को मात देने में जुटे आलोक तोमर आज अपने सीएनईबी आफिस पहुंच गए, जहां वे काम करते हैं.
यह तब जबकि उनकी कीमियो थिरेपी शुरू हो गई है. कई घंटे उन्हें बत्रा अस्पताल में रहना पड़ता है. कीमियो के दौर से गुजरने के बाद आलोक का आफिस जाने के लिए तैयार होना और आफिस पहुंच जाना बताता है कि अगर अंदर जिजीविषा हो तो बड़े से बड़े दुख भगाए जा सकते हैं. कष्टों को मात दिया जा सकता है.
आलोक तोमर ने कुछ दिनों पहले जब फेसबुक पर बताया कि उनमें कैंसर के लक्षण के मिले हैं व डाक्टरी जांच-पड़ताल जारी है तो किसी ने भरोसा नहीं किया. सबने ईश्वर से मनाया कि जांच में कुछ न निकले. पैनिक न फैले, इसलिए आलोक की अपुष्ट बीमारी के संबंध में कोई खबर भड़ास4मीडिया पर नहीं प्रकाशित की गई.
आलोक तोमर फेसबुक पर प्रकट होते रहे, अपनी बात कहते रहे. पर लोगों दुवाएं काम न आईं. मेडिकल टेस्ट, डाक्टरों की जांच-पड़ताल में कैंसर की पुष्टि हो गई. प्राथमिक दौर में है कैंसर, यह बताया गया. इलाज से ठीक हो जाएंगे, यह समझाया गया. डाक्टरों ने इलाज शुरू किया.
आलोक तोमर ने कुछ दिनों पहले जब फेसबुक पर बताया कि उनमें कैंसर के लक्षण के मिले हैं व डाक्टरी जांच-पड़ताल जारी है तो किसी ने भरोसा नहीं किया. सबने ईश्वर से मनाया कि जांच में कुछ न निकले. पैनिक न फैले, इसलिए आलोक की अपुष्ट बीमारी के संबंध में कोई खबर भड़ास4मीडिया पर नहीं प्रकाशित की गई.
आलोक तोमर फेसबुक पर प्रकट होते रहे, अपनी बात कहते रहे. पर लोगों दुवाएं काम न आईं. मेडिकल टेस्ट, डाक्टरों की जांच-पड़ताल में कैंसर की पुष्टि हो गई. प्राथमिक दौर में है कैंसर, यह बताया गया. इलाज से ठीक हो जाएंगे, यह समझाया गया. डाक्टरों ने इलाज शुरू किया.
कीमियो, फिर रेडिएशन के जरिए इलाज होना है. कैंसर के इलाज की जटिल प्रक्रिया से वे लोग वाकिफ होंगे जिन्हें या जिनके परिजनों को यह बुरा रोग कभी हुआ होगा. आलोक तोमर के चाहने वाले नहीं चाहते थे कि उनका हीरो कैंसर से पीड़ित हो. पर होनी को कौन टाल सकता है.
कभी चेन स्मोकर और रेगुलर ड्रिंकर रहे आलोक तोमर अपनी आदतों को तौबा कर चुके हैं लेकिन कैंसर ने तौबा नहीं किया. इस रोग के लक्षण मिलने और इलाज शुरू होने के बावजूद आलोक तोमर का हौसला कम नहीं हुआ है. उनकी लेखनी बदस्तूर चल रही है. डेटलाइन इंडिया न्यूज एजेंसी का काम जारी रखे हुए हैं
कभी चेन स्मोकर और रेगुलर ड्रिंकर रहे आलोक तोमर अपनी आदतों को तौबा कर चुके हैं लेकिन कैंसर ने तौबा नहीं किया. इस रोग के लक्षण मिलने और इलाज शुरू होने के बावजूद आलोक तोमर का हौसला कम नहीं हुआ है. उनकी लेखनी बदस्तूर चल रही है. डेटलाइन इंडिया न्यूज एजेंसी का काम जारी रखे हुए हैं
आलोक. सीएनईबी आफिस आज जाकर उन्होंने चैनल के काम को भी प्रभावित नहीं होने दिया. उम्मीद करते हैं कि पत्रकारिता का यह हीरो जल्द ही कैंसर को जड़ से उखाड़कर फेंकेगा और एक बार फिर नौजवान पत्रकारों को मार्गदर्शन देता मिलेगा, कभी फेसबुक के जरिए, कभी फोन पर, कभी मेल से तो कभी सशरीर प्रकट होकर.
फोन पर बातचीत में आलोक तोमर ने पूरी सख्ती से मना किया कि उन्हें कुछ नहीं हुआ है और कोई खबर न चलाना. लेकिन आलोक तोमर के अनुरोध के बावजूद यह खबर हम पब्लिश कर रहे हैं ताकि आलोक को जानने-मानने वाले अपने-अपने स्तर पर उनकी बेहतरी के लिए दुवा कर सकें, कार्य कर सकें, सहयोग कर सकें.
फोन पर बातचीत में आलोक तोमर ने पूरी सख्ती से मना किया कि उन्हें कुछ नहीं हुआ है और कोई खबर न चलाना. लेकिन आलोक तोमर के अनुरोध के बावजूद यह खबर हम पब्लिश कर रहे हैं ताकि आलोक को जानने-मानने वाले अपने-अपने स्तर पर उनकी बेहतरी के लिए दुवा कर सकें, कार्य कर सकें, सहयोग कर सकें.
अगर अमिताभ बच्चन को 'कुली' फिल्म में लगी चोट के बाद पूरा देश स्वस्थ होने की कामना कर सकता है तो हिंदी पत्रकारिता के चर्चित नामों में से एक आलोक तोमर के लिए कम से कम हिंदी पत्रकारिता जगत क्यों नहीं उपर वाले से दुवाएं कर सकता है.
आइए, हम और आप, सभी आलोक जी के जल्द स्वस्थ हो जाने की कामना करें. और कहें, हम सब आपके साथ तन, मन और धन से खड़े हैं.
आइए, हम और आप, सभी आलोक जी के जल्द स्वस्थ हो जाने की कामना करें. और कहें, हम सब आपके साथ तन, मन और धन से खड़े हैं.
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