कुलपति प्रो. बीके कुठियाला की तगड़ी घेराबंदी शुरू
साभार ! भड़ास4मीडिया
परीक्षा में 'संघी सवाल' पूछे गए : कांग्रेस ने मोर्चा खोला : कुलपति के इस्तीफे की मांग : शिवराज पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप : माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीके कुठियाला की तगड़ी घेराबंदी शुरू हो चुकी है.
फिलहाल मध्य प्रदेश कांग्रेस की तरफ से कुलपति को हटाने का अभियान छेड़ दिया गया है. प्रदेश कांग्रेस की तरफ से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि माखनलाल में हाल में ही आयोजित भर्ती परीक्षा में भाजपा व उससे समर्थित संगठनों के बारे में प्रश्न पूछे गए जो आपत्तिजनक है. कांग्रेस का कहना है कि परीक्षार्थियों के समक्ष एक वर्ग विशेष को समर्पित संकीर्ण विचारधारा को परोसा जा रहा है.
युवा पीढ़ी की पौधशाला से संबद्ध विश्वविद्यालय परिसर को भाजपा मुख्यालय बना देना एक घिनौनी हरकत कही जाएगी. कांग्रेस ने संघ परिवार की मानसिकता से जुड़े विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीके कुठियाला को इसका जवाबदार बताते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है.
युवा पीढ़ी की पौधशाला से संबद्ध विश्वविद्यालय परिसर को भाजपा मुख्यालय बना देना एक घिनौनी हरकत कही जाएगी. कांग्रेस ने संघ परिवार की मानसिकता से जुड़े विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीके कुठियाला को इसका जवाबदार बताते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने एक बयान में कहा कि हाल ही में प्लेसमेंट सहायक की आयोजित परीक्षा में अधिकांश प्रश्न भाजपा और उससे समर्थित संगठनों से जुड़े हुए थे. मसलन, जनसंघ के संस्थापक कौन थे, एकात्म मानववाद के प्रणेता कौन थे और 25 दिसंबर किस राजनेता का जन्मदिन होता है आदि.
कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि उनकी पार्टी ने प्रो. बीके कुठियाला की नियुक्ति के समय ही उन्हें फासीवादी विचारधारा वाला व्यक्ति बताया था और इस नियुक्ति का पुरजोर विरोध किया था. पार्टी ने यह भी कहा था कि हरियाणा मूल के प्रो. बीके कुठियाला की नियुक्ति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संघ परिवार के दबाव में की है क्योंकि विश्वविद्यालय की महापरिषद ने मुख्यमंत्री शिवराज को, जो इस विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के अध्यक्ष भी हैं, इस नियुक्ति हेतु अधिकृत कर दिया था. इसके बाद प्रो. बीके कुठियाला इस विश्वविद्यालय के कुलपति मनोनीत कर दिए गए.
शिवराज पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा है कि इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय परिसर में विश्वविद्यालय के ही आमंत्रण पर एक गैर राजनैतिक कार्यक्र में छात्र-छात्राओं से रुबरु होने वाले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के प्रवास के खिलाफ तत्कालीन कुलपित अजीत सिंह सेहरावत के खिलाफ राज्य सरकार ने मोर्चा खोल दिया था. राज्य सरकार ने तब कुलपति अजीत को धारा 52 के दुरुपयोग से संबंधित नोटिस भेजा. बाद में राजनैतिक दबाव में कुलपति अजीत सिंह से इस्तीफा ले लिया.
कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि उनकी पार्टी ने प्रो. बीके कुठियाला की नियुक्ति के समय ही उन्हें फासीवादी विचारधारा वाला व्यक्ति बताया था और इस नियुक्ति का पुरजोर विरोध किया था. पार्टी ने यह भी कहा था कि हरियाणा मूल के प्रो. बीके कुठियाला की नियुक्ति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संघ परिवार के दबाव में की है क्योंकि विश्वविद्यालय की महापरिषद ने मुख्यमंत्री शिवराज को, जो इस विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के अध्यक्ष भी हैं, इस नियुक्ति हेतु अधिकृत कर दिया था. इसके बाद प्रो. बीके कुठियाला इस विश्वविद्यालय के कुलपति मनोनीत कर दिए गए.
शिवराज पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा है कि इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय परिसर में विश्वविद्यालय के ही आमंत्रण पर एक गैर राजनैतिक कार्यक्र में छात्र-छात्राओं से रुबरु होने वाले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के प्रवास के खिलाफ तत्कालीन कुलपित अजीत सिंह सेहरावत के खिलाफ राज्य सरकार ने मोर्चा खोल दिया था. राज्य सरकार ने तब कुलपति अजीत को धारा 52 के दुरुपयोग से संबंधित नोटिस भेजा. बाद में राजनैतिक दबाव में कुलपति अजीत सिंह से इस्तीफा ले लिया.
अब शिवराज बताएं कि पत्रकारिता विश्वविद्यालय में एक खास विचारधारा को लेकर परीक्षार्थियों से प्रश्न पूछना पवित्र परंपराओं का उल्लंघन है या नहीं. सरकार में अगर जरा भी नैतिकता है तो उसे माखनलाल के कुलपति प्रो. बीके कुठियाला को तत्काल प्रभाव से हटा देना चाहिए.
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