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शादी से पहले सेक्स और लिव इन रिलेशनशिप

 सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि शादी से पहले सेक्स और लिव इन रिलेशनशिप कोई अपराध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई पुरूष और औरत अपनी मर्जी से शादी के बिना साथ में रहते हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के. जी. बालाकृष्णन,न्यायाधीश दीपक वर्मा और न्यायाधीश बी. एस. चौहान की बेंच ने मंगलवार को कहा कि जब दो लोग साथ रहना चाहते हैं, तो इसमें अपराध क्या है। क्या यह कोई अपराध लगता है? साथ रहना कोई अपराध नहीं है। यह अपराध हो ही नहीं सकता।

पीठ ने यहां तक कहा कि पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक भगवान कृष्ण और राधा भी साथ रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऎसा कोई कानून नहीं है जो लिव-इन रिलेशनशिप या शादी से पहले सेक्स को रोकता हो। सुप्रीम कोर्ट ने यह बात दक्षिण की मशहूर अभिनेत्री खुशबू के एक मामले में कही। खुशबू पर 22 आपराधिक मामले दर्ज हैं।

उन्होंने इन मामलों को खारिज करने के लिए अपील की थी। ये सभी मामले खुशबू के 2005 के उस साक्षात्कार के बाद दर्ज हुए थे, जिसमें उन्होंने शादी से पहले सेक्स को सही बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा।

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