शिकायत के बावजूद रेल प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं
बैतूल। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष एन डी पटले एवं सदस्य नीरजा श्रीवास्तव ने उत्तर रेलवे के विरुद्ध दीपक बुंदेले के परिवाद को स्वीकारते हुए किन्नरों द्वारा रेल यात्रियों से की जाने वाली वसूली के लिए रेल प्रशासन को जिम्मेदार मानकर ब्याज सहित लगभग पांच गुना हर्जाना दिए जाने का आदेश दिया है।
अभियोजन के अनुसार, बैतूल निवासी दीपक बुंदेले राप्ती सागर एक्सप्रेस से 21 अप्रैल 2009 को बादशाह नगर रेलवे स्टेशन से बैतूल के लिए यात्रा करने के लिए चढ़े। इस दौरान रेल में चढ़े किन्नरों ने उनसे रुपए की मांग की। परिवादी ने पैसा देने में इंकार करते हुए टीसी एवं रेल पुलिस से शिकायत की, लेकिन रेलवे के किसी अधिकारी ने उनकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की, बल्कि किन्नरों को पैसा देने की सलाह दी। तब किन्नरों ने बलपूर्वक परिवादी की जेब में रखा एकमात्र हजार रुपए का नोट निकाल लिए और गालियां देते हुए चले गए। शिकायत के बावजूद रेल प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर परिवादी ने उपभोक्ता फोरम बैतूल की शरण ली।
मामले की सुनवाई के बाद फोरम के न्यायाधीश ने परिवादी को आरक्षित कोच में यात्रा के दौरान किन्नरों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार एवं जेब से रुपए निकालने एवं शिकायत के बाद भी परिवादी की कोई सहायता नहीं करने को सेवा में कमी मानते हुए रेल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।
फोरम ने अपने आदेश में रेलवे पर परिवादी को किन्नरों द्वारा छीने गए एक हजार रुपए के अलावा मानसिक क्षति के लिए पांच हजार रुपए एवं खर्च के रूप में 500 रुपए देने के निर्देश दिए।
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