मुबंई में हुआ आतंकवादी हमले को देखकर दुनिया भर के देशों में भारत के प्रति सहानुभूति जरूर पनप रही होगी। लेकिन भारतीय यह अच्छी तरह से जानते हैं कि यह आतंकी हमला हमारे तंत्र की विफलता नहीं बल्कि सफलता है। भारत मे आतंकवाद की बेल भ्रष्ट राजनीति के सहारे ही परवान चढ़ रहीं है।
कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीति की खाद मिलते रहने से इस बेल मे अब जहरीले फल भी फलने लगे हैं। मुंबई की घटना ऐसा ही एक जहरीला फल है। जिस तरह की विचारधाराओं व सिद्धांतों का पोषण कांग्रेस सरकार करती आई है उससे तो ऐसे ही नतीजे की उम्मीद की जा सकती है। तुष्टीकरण की नीति कांग्रेस पार्टी के लिए देशभक्ति से भी ज्यादा निष्ठा की चीज बनी हुई है।
प्रज्ञा भारती को आतंकवाद मे लिप्त मानकर जितनी गंभीरता से उसने जांच शुरू की थी उतनी गंभीरता का हजारवां अंश भी उसने देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा आंतकवादी घोषित हो चुके अफजल को फांसी पर लटकाने मे नहीं दिखाई।
देशभक्ति, ईमानदारी व जनकल्याण की भावनाओं को निजी स्वार्थों व सुखों की भट्टी मे झोंक कर सत्ता पर काबिज हुए राजनेताओं के कुकर्मों के बावजूद भी अगर भारत का आस्तित्व एक आजाद देश के रूप मे बचा हुआ है तो यह भगवान की वजह से ही हो सकता है। जब तक भ्रष्ट और दोगले नेता इस देश पर काबिज बने रहेगें तब तक तोआंतकवादियों को इस देश मे कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है।
प्रज्ञा भारती को आतंकवाद मे लिप्त मानकर जितनी गंभीरता से उसने जांच शुरू की थी उतनी गंभीरता का हजारवां अंश भी उसने देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा आंतकवादी घोषित हो चुके अफजल को फांसी पर लटकाने मे नहीं दिखाई।
देशभक्ति, ईमानदारी व जनकल्याण की भावनाओं को निजी स्वार्थों व सुखों की भट्टी मे झोंक कर सत्ता पर काबिज हुए राजनेताओं के कुकर्मों के बावजूद भी अगर भारत का आस्तित्व एक आजाद देश के रूप मे बचा हुआ है तो यह भगवान की वजह से ही हो सकता है। जब तक भ्रष्ट और दोगले नेता इस देश पर काबिज बने रहेगें तब तक तोआंतकवादियों को इस देश मे कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है।
1 comments:
now I know it!
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